कुछ कर दिखाओ
वक़्त की आवाज को यूँ मत दबाओ
ये कहर अब ढायेगी , मत आजमाओ
जल रहा है देश फिर आक्रोश में
आग में घी डालकर मत लौ बढाओ
अब कदम पीछे ना लेंगे , सोच लो
चाहे जितना जोर या बल आजमाओ
हस्तियाँ कितनी ज़मीं में मिल गईँ
तुम वही इतिहास अब मत दोहराओ
रक्त -रंजित न करो तुम ये ज़मीं
अब भी मौका है सितमगर मान जाओ
आने वाली पीढ़ियों के वास्ते
छोड़कर अपनी ये जिद कुछ कर दिखाओ
Sunil_Telang/02/08/2012
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