आह्वान
सिर्फ चिंतन से समस्या हल ना होगी
अब क्रिया और प्रतिक्रिया का वक़्त है
हर खिलाफत की जुबां खामोश कर दे
देश का क़ानून कितना सख्त है
देश हित में हो रहे है सब घोटाले
आपसी सहमति से परदे सबने डाले
क्या पड़ी तुझको इसे बाहर निकाले
रहने दो पानी तेरा जो रक्त है
ज़ुल्म सहना है नियति इंसान की
रह गयी ना कोई कीमत जान की
बात क्यों करते हो तुम ईमान की
बेचता भगवान उसका भक्त है
कुछ ना पाया अनशन औ हड़ताल से
थक गए सब हो गए बेहाल से
बाज ना सरकार आई चाल से
बस पलटना अब ये ताज-ओ-तख़्त है
अब क्रिया और प्रतिक्रिया का वक़्त है
Sunil_Telang/26/08/2012
Sirf chintan se samasya hal na hogi
Ab kriya aur pratikriya ka waqt hai
Har khilafat ki zubaan khamosh kar de
Desh ka kaanoon kitna sakht hai
Sunil_Telang/26/08/2012
Sunil_Telang/26/08/2012
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