Monday, August 27, 2012

GUSTAAKHI


Gustaakhi

Gustaakhi kar baithe tumse pyar kiya
Apne haathon apne dil par vaar kiya

Jhalak dikha kar tum mujhko tadpa jaate ho
Waada karte ho par paas nahin aate ho
Intezaar fir bhi kyon baarambar kiya

Bani dillagi lagi ye dil ki samajh na paaye
Siva tumhaare koi aur nazar na aaye
Kya dekha tujhme dil tujhe nisaar kiya

Roz roothna aur manana dil ko bhaaya 
Har ik dard tumhaara maine khud apnaaya
Tumne mere dil par kyon adhikar kiya 

Pyaar mohabbat me aksar aisa hota hai
Dil ka dard dava se bhi meetha hota hai
Tumne bhi kya is par kabhi vichaar kiya

Sunil_Telang/27/08/2012


गुस्ताखी 

गुस्ताखी  कर  बैठे  तुमसे  प्यार  किया 
अपने  हाथों  अपने  दिल  पर  वार  किया 

झलक  दिखा  कर  तुम  मुझको  तडपा  जाते  हो 
वादा  करते  हो  पर  पास  नहीं  आते  हो 
इंतज़ार  फिर  भी  क्यों  बारम्बार  किया 

बनी  दिल्लगी  लगी  ये  दिल  की  समझ  ना  पाये 
सिवा  तुम्हारे  कोई  और  नज़र  ना  आये 
क्या  देखा  तुझमे  दिल  तुझे  निसार  किया 

रोज़ रूठना और मनाना  दिल को भाया 
हर इक दर्द तुम्हारा मैंने खुद अपनाया 
तुमने  मेरे दिल पर क्यों अधिकार किया 

प्यार  मोहब्बत  में  अक्सर  ऐसा  होता  है 
दिल  का  दर्द  दवा  से  भी  मीठा  होता  है  
तुमने  भी  क्या  इस  पर  कभी  विचार  किया 

Sunil_Telang/27/08/2012

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