Thursday, August 23, 2012

KAISI SANSAD




कैसी संसद 

फिर चढ़ा शोर की भेंट एक और दिन 
राजनीतिक अखाडा है संसद भवन 

जिनको हमने चुना पांच बरसों तलक 
देश को लूटने का मिला उनको हक़
बनके सेवक ये अपनी तिजोरी भरें
लोग समझें ना किसपे भरोसा  करें 
दोनों हाथों से लुटता है जनता का धन 
राजनीतिक अखाडा है संसद भवन  

ऐश करते हैं  ये  जनता के पैसों पर
रोज़ करते हैं नाटक नया इस कदर 
कितने बिल पास होने को तैयार  हैं
पर विरोधी दलों को ही इनकार है
कितनी हद तक हुआ देखो इनका पतन 
राजनीतिक अखाडा है संसद भवन  

देश के हर बजट का ये करते दोहन 
बैंकों में जमा  सबका है कालाधन 
पोल खुलने पे हो जाते सब एकमन 
सत्र बर्बाद करने का करते जतन
कितने घोटाले हो जाते यूँ  ही  दफ़न 
राजनीतिक अखाडा है संसद भवन  

कैसी आसंदी है  कैसा इनका है पद 
मंत्रियों से भी छोटा हुआ इनका कद 
किसके आदेश पर काम करते हैं ये 
अपनी कुर्सी का अपमान करते हैं ये 
कैसा मंदिर है ये,  कैसा ये आचरन
राजनीतिक अखाडा है संसद भवन  

Sunil_Telang/23/08/2012



No comments:

Post a Comment