Tuesday, August 14, 2012

JAB YUVA JAAGA




Jab Yuva Jaaga

Ek sanyasi ne kuchh aisa karishma kar diya

Har yuva Ki dhamniyon  me rakt fir se bhar diya


Chaahe chhal ho ya ke bal ho,ab rukenge na kadam

Bhrasht satta ki asaliyat ko ujaagar kar diya


Ho gaya har naujawan taiyar marne ke liye

Apne jeewan ki kadar karne ka ek awsar diya


Chaahe ab koi bhi ho anzaam , koi gham nahin

Haath ab sarkaar ki dukhti  ragon par dhar diya


Hukmraano  sabr ka mat imtihaan lena kabhi

Jab yuva jaaga to jo chaaha wo usne kar diya


Sunil_Telang/13/08/2012


जब  युवा  जागा 

एक  सन्यासी  ने  कुछ  ऐसा  करिश्मा  कर  दिया 
हर  युवा  की  धमनियों   में  रक्त  फिर  से  भर  दिया 

चाहे  छल  हो  या  के  बल  हो ,अब  रुकेंगे  ना  कदम 
भ्रष्ट  सत्ता  की  असलियत  को  उजागर  कर  दिया 

हो  गया  हर  नौजवान  तैयार  मरने  के  लिये 
अपने  जीवन  की  कदर  करने  का  एक  अवसर  दिया 

चाहे  अब  कोई  भी  हो  अंजाम  , कोई  ग़म  नहीं 
हाथ  अब  सरकार  की  दुखती   रगों  पर  धर  दिया 

हुक्मरानों   सब्र  का  मत  इम्तिहान  लेना  कभी 
जब  युवा  जागा  तो  जो  चाहा  वो  उसने  कर  दिया

Sunil_Telang/13/08/2012

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