Tuesday, August 28, 2012

HANSTE HANSTE



हँसते हँसते 


ज़िन्दगी  की  हँसते  हँसते  शाम  कर 
जो  तुझे  अच्छा  लगे  वो  काम  कर 
कल  की  चिंता  छोड़  कर  खुशियाँ  मना  ले 
आज  का  दिन  कर  ले  अपने  नाम  पर 

चार  दिन  की  ज़िन्दगी  बख्शी  खुदा  ने 
किस  की  खातिर  जी  रहे , हम  ही  ना  जाने 
मौत  आ  जाती  है  लेकर  सौ   बहाने 
हसरतें  ना  पहुँचती  अंजाम  पर 

मोह  ममता  में  जकड़कर  उम्र  भर  तू 
कर  ना  पायेगा  कभी  अपनी  फिकर  तू 
शान-शौकत   और  धन  की  लालसा  से 
लगता  रहता  है  ग्रहण  आराम  पर 

ज़िन्दगी  कब  तक  जियें  , सोचें ना हम  सब 
ज़िन्दगी  कैसे  जियें  , इसका  है  मतलब 
बोझ  ना  बन  , मुस्कुराकर  हो  विदा  तू 
आँखें  नम  हों  सबकी  तेरे  नाम  पर 

Sunil_Telang/28/08/2012

HANSTE HANSTE

Zindagi ki hanste hanste shaam kar
Jo tujhe achchha lage wo kaam kar
Kal ki chinta chhod kar khushiyan mana le
Aaj ka din kar le apne naam par

Char din ki zindagi bakhshi khuda ne
Kis ki khaatir jee rahe, hum hi na jaane
Maut aa jaati hai lekar sau  bahane
Hasraten na pahunchti anzaam par

Moh mamta me jakadkar umr bhar tu
Kar na paayega kabhi apni fikar tu
Shaan-Shaukat  aur dhan ki laalsa se
Lagta rahta hai grahan aaram par

Zindagi kab tak jiyen,sochen na hum sab
Zindagi kaise jiyen, iska hai matlab
Bojh na ban , muskurakar ho vida tu
Aankhen nam hon sabki tere naam par

Sunil_Telang/28/08/2012 

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