फ़रियाद
किसलिये यूँ भीड़ पर लाठी चला दी
देश की जनता थी या आतंकवादी
अपने घर में बन गए हैं हम लुटेरे
दर्द अपना लेके आये पास तेरे
तुमने क्यों नाराजगी अपनी दिखा दी
कैसा है ये तंत्र , कैसा राज है
अपने राजा से प्रजा नाराज़ है
तुमने क्यों ये दूरियां इतनी बढ़ा दी
तू है दाता , तू हमारी आस है
तू हमारे देश का विश्वास है
आज दर पे तेरे आये है फरियादी
आज दर पे तेरे आये है फरियादी
ये दमन का राज ना चल पायेगा
चढ़ता सूरज एक दिन ढल जायेगा
वक़्त ने सबको कदर उनकी दिखा दी
वक़्त ने सबको कदर उनकी दिखा दी
Sunil_Telang/27/08/2012
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