Friday, August 31, 2012

SARTAAJ


सरताज

चल पड़ा है कारवाँ मंजिल की ओर
पकडे रहना हाथ से छूटे ना डोर

रास्ता तो है कठिन पर हौसला है
साथ हैं जब फिर ना कोई फासला है
हर तरफ हलचल मचा दो कर के शोर 

अब बड़े छोटे की दीवारें गिरा दो
जो भी पत्थर आये ठोकर से हटा दो
हों मुक़ाबिल देख लें दुश्मन का  ज़ोर

राजनीति पर लगी कालिख मिटाओ
साफ़ सुथरी छवि के लोगों को बिठाओ
अब खजाना देश का लूटें ना चोर

आएगा वो दिन भी जब स्वराज होगा 
देश अपना विश्व में सरताज होगा
बीतेगी ये रात काली होगी भोर 

Sunil_Telang/31/08/2012

Thursday, August 30, 2012

NAAM KI PAHCHAAN





नाम  की  पहचान 


धर्म  और  जाति  हटा  कर  नाम  की  पहचान  लो 

हम  ये  आरक्षण  न लेंगे  आज  मन  में  ठान  लो 


आपसी  रंजिश  में  फंस  के  रह  गया  इसका  असर 

काबलीयत  और  ज़रुरत  खो  गये  जाने  किधर 

इस  तरह  असमानता  होगी  न  कम  ये  जान  लो 


मिट  सका  ना  फर्क  आरक्षण  की  चढ़  के  सीढियां   

कुछ  अभी  तक  हैं  सड़क  पर , कुछ  की  चमकी  पीढियां 

अपने  पैरों  पर  खड़े  हो  जाओ , मत  अहसान  लो 


वोट  के  लालच  में  आरक्षण  ये  बढ़ता  जायेगा 

एक  दिन  ये  देश  आरक्षित  वतन  कहलायेगा 

मर  मिटेंगे  सब  झगड़  कर , यूँ  ना  सबकी  जान  लो 

हम  ये  आरक्षण  न  लेंगे  आज  मन  में  ठान  लो 


Sunil_Telang/30/08/2012



Naam Ki Pahchaan


Dharm aur jaati hata kar naam ki pahchaan lo

Hum ye Aarakshan na lenge aaj man me thaan lo


Aapsi ranjish me fans ke rah gaya iska asar

Kaableeyat aur zaroorat kho gaye jaane kidhar

Is tarah asmaanta hogi na kam ye jaan lo


Mit saka na fark aarakshan ki chad ke seediyan

Kuchh abhi tak hain sadak par, kuchh ki chamki peediyan

Apne pairon par khade ho jaao, mat ahsaan lo


Vote ke laalach me aarakshan ye badhta jaayega

Ek din ye desh aarakshit vatan kahlaayega

Mar mitenge sab jhagad kar, yun na sabki jaan lo


Hum ye aarakshan na lenge aaj man me thaan lo


Sunil_Telang/30/08/2012

KASAB




कसाब



फिर  कोई  कसाब  पैदा  अब  न  हो 

मौत  के  पर्याय   पर  न  रहम  हो 




राजनीति  इस  विषय  में  न  करो

पीड़ितों  की  बद-दुआओं  से  डरो

सख्त  निर्णय  लेने  में  न  देर  हो



काबिल  ए  माफ़ी  नहीं  इसका  गुनाह


कितने  परिवारों  के  लव  पे  आई  आह

इसकी  फांसी  हर  किसी  को  सबक  हो



इसका  मज़हब  है  न  कोई  जात  है

देश  की  अस्मत  पे  आई  बात  है

ख़त्म  इसके  साथ  ही  आतंक  हो



मौत  इसकी   देश   पर  अहसान   होगा 

फिर  न   कोई  जेल  का  मेहमान  होगा

अब  किसी  साज़िश  का  फिर  न  जनम  हो  



Sunil_Telang/30/08/2012

KASAB

Fir koi KASAB paida ab na ho

Maut ke paryay par na raham ho


Raajneeti is Vishay me na karo

Peediton ki badduaon se daro

Sakht nirnay lene me na der ho


Kaabil e maafi nahin iska gunaah

Kitne parivaron ke lav pe aai aah

Iski faansi har kisi ko sabak ho


Iska mazhab hai na koi jaat hai

Desh ki asmat pe aai baat hai

Khatm iske saath hi aatank ho


Maut iski desh par ahsaan hoga

Fir na koi jail ka mehmaan hoga

Ab kisi saazish ka fir na janam ho 

Wednesday, August 29, 2012

BIGUL






बिगुल 


बज  उठा  है  अब  बिगुल  संग्राम  का 
वक़्त  अब  ना  रह  गया  आराम  का 

लूट  भ्रष्टाचार  को  जड़  से  मिटाओ 
प्यार  और  सौहार्द    की  दुनिया  बसाओ 
राज  स्थापित  हो  बस  आवाम  का 

चोरी  और  रिश्वत  चलन  से  कर  दो  बाहर 
अब  ना  हो  अपराध , हो  क़ानून  का  डर
सज्जनों  को  हक  मिले  ईनाम  का 

अब किसी नारी की अस्मत लुट ना  पाए 
भूख के कारण  ना कोई  मौत आये 
हो कभी तो अंत धुंधली शाम का 


BIGUL

Baj utha hai ab Bigul sangram ka
Waqt ab na rah gaya aaraam ka

Loot Bhrashtachar ko jad se mitaao
Pyar aur sauhaard ki duniya basaao
Raaj sthaapit ho bus aawam ka 

Chori aur Rishwat chalan se kar do baahar 
Ab na ho apraadh Ho kaanoon ka dar 
Sajjano ko hak mile Inaam ka

Ab kisi naari ki Asmat lut na paaye 
Bhookh ke kaaran na koi maut aaye
Ho kabhi to ant dhundhli shaam ka  

Sunil_Telang/29/08/2012

AAOGE TUM





आओगे  तुम

यूँ  तुझसे  बिछड़ने  का  एहसास  कम  नहीं  है 
मैं  खुश  हूँ , अगर  मेरे , ग़म  से  तुझे  ख़ुशी  है 

कल  तक  तुम्हारे  लब   पर  रहता  था  नाम  मेरा 
इक  वक़्त  है  हमारा  चेहरा  भी  अजनबी  है

दो  दिन  की  दूरियों से उल्फत ये कम ना होगी  
मिलने की तुमसे ख्वाहिश   कुछ  और  बढ़  गई  है 

कुछ  और  तो  नज़र  अब  आता  नहीं  है  मुझको 
आँखों  में  बस  तुम्हारी  तस्वीर  ही  बसी  है 

आओगे  लौटकर  तुम  इतना  मुझे  यकीं  है 
उम्मीद  के  सहारे  चलती  ये  ज़िन्दगी  है 

Sunil_Telang/29/08/2012

Tuesday, August 28, 2012

HANSTE HANSTE



हँसते हँसते 


ज़िन्दगी  की  हँसते  हँसते  शाम  कर 
जो  तुझे  अच्छा  लगे  वो  काम  कर 
कल  की  चिंता  छोड़  कर  खुशियाँ  मना  ले 
आज  का  दिन  कर  ले  अपने  नाम  पर 

चार  दिन  की  ज़िन्दगी  बख्शी  खुदा  ने 
किस  की  खातिर  जी  रहे , हम  ही  ना  जाने 
मौत  आ  जाती  है  लेकर  सौ   बहाने 
हसरतें  ना  पहुँचती  अंजाम  पर 

मोह  ममता  में  जकड़कर  उम्र  भर  तू 
कर  ना  पायेगा  कभी  अपनी  फिकर  तू 
शान-शौकत   और  धन  की  लालसा  से 
लगता  रहता  है  ग्रहण  आराम  पर 

ज़िन्दगी  कब  तक  जियें  , सोचें ना हम  सब 
ज़िन्दगी  कैसे  जियें  , इसका  है  मतलब 
बोझ  ना  बन  , मुस्कुराकर  हो  विदा  तू 
आँखें  नम  हों  सबकी  तेरे  नाम  पर 

Sunil_Telang/28/08/2012

HANSTE HANSTE

Zindagi ki hanste hanste shaam kar
Jo tujhe achchha lage wo kaam kar
Kal ki chinta chhod kar khushiyan mana le
Aaj ka din kar le apne naam par

Char din ki zindagi bakhshi khuda ne
Kis ki khaatir jee rahe, hum hi na jaane
Maut aa jaati hai lekar sau  bahane
Hasraten na pahunchti anzaam par

Moh mamta me jakadkar umr bhar tu
Kar na paayega kabhi apni fikar tu
Shaan-Shaukat  aur dhan ki laalsa se
Lagta rahta hai grahan aaram par

Zindagi kab tak jiyen,sochen na hum sab
Zindagi kaise jiyen, iska hai matlab
Bojh na ban , muskurakar ho vida tu
Aankhen nam hon sabki tere naam par

Sunil_Telang/28/08/2012 

Monday, August 27, 2012

GUSTAAKHI


Gustaakhi

Gustaakhi kar baithe tumse pyar kiya
Apne haathon apne dil par vaar kiya

Jhalak dikha kar tum mujhko tadpa jaate ho
Waada karte ho par paas nahin aate ho
Intezaar fir bhi kyon baarambar kiya

Bani dillagi lagi ye dil ki samajh na paaye
Siva tumhaare koi aur nazar na aaye
Kya dekha tujhme dil tujhe nisaar kiya

Roz roothna aur manana dil ko bhaaya 
Har ik dard tumhaara maine khud apnaaya
Tumne mere dil par kyon adhikar kiya 

Pyaar mohabbat me aksar aisa hota hai
Dil ka dard dava se bhi meetha hota hai
Tumne bhi kya is par kabhi vichaar kiya

Sunil_Telang/27/08/2012


गुस्ताखी 

गुस्ताखी  कर  बैठे  तुमसे  प्यार  किया 
अपने  हाथों  अपने  दिल  पर  वार  किया 

झलक  दिखा  कर  तुम  मुझको  तडपा  जाते  हो 
वादा  करते  हो  पर  पास  नहीं  आते  हो 
इंतज़ार  फिर  भी  क्यों  बारम्बार  किया 

बनी  दिल्लगी  लगी  ये  दिल  की  समझ  ना  पाये 
सिवा  तुम्हारे  कोई  और  नज़र  ना  आये 
क्या  देखा  तुझमे  दिल  तुझे  निसार  किया 

रोज़ रूठना और मनाना  दिल को भाया 
हर इक दर्द तुम्हारा मैंने खुद अपनाया 
तुमने  मेरे दिल पर क्यों अधिकार किया 

प्यार  मोहब्बत  में  अक्सर  ऐसा  होता  है 
दिल  का  दर्द  दवा  से  भी  मीठा  होता  है  
तुमने  भी  क्या  इस  पर  कभी  विचार  किया 

Sunil_Telang/27/08/2012

KUCHH IDHAR KI KUCHH UDHAR KI


कुछ  इधर की कुछ उधर की खबर 

इधर झड़ी बारिश की आई सब सामान भिगो डाला
उधर इंडिया ने किरकिट में देखो सबको  धो  डाला
कान  पक  गए  सुनते सुनते  घोटाले  पर घोटाला 
नित्यकर्म  मैं  भूल  गया ला पहले  मेरा  लोटा ला 

FARIYAAD


फ़रियाद 

किसलिये यूँ भीड़ पर लाठी चला दी
देश की जनता थी या आतंकवादी

अपने घर में बन गए हैं हम लुटेरे
दर्द अपना लेके आये पास तेरे
तुमने क्यों नाराजगी अपनी दिखा दी  

कैसा है ये तंत्र , कैसा राज है
अपने राजा से प्रजा नाराज़ है
तुमने क्यों ये दूरियां इतनी बढ़ा  दी

तू है दाता , तू हमारी आस है
तू हमारे देश का विश्वास है
आज दर पे तेरे आये है फरियादी 

ये दमन का राज ना चल पायेगा
चढ़ता सूरज एक दिन ढल जायेगा
वक़्त ने सबको कदर उनकी दिखा दी 

Sunil_Telang/27/08/2012

VIJETA


विजेता 

कुछ  अलग  हट  के  तेरा  अंदाज़  है 
"केजरी  "  तुझपे  वतन  को  नाज़  है 

तूने  लोगों  से  अलग  पहचां  बनाई 
हर  युवा  के  सीने  में  इक  लौ  जलाई 
तेरे  लब   पर  देश  की  आवाज़  है 

लोभ , लालच  से  ना  तेरा  वास्ता  है 
क्रांति  की  और  तेरा  रास्ता  है 
देश हित  में  तेरा  हर  इक  काज  है 

कितने  ही  षड्यंत्र  आये  सामने 
तुझको  भटकाने  के  मंसूबे  बने 
तू  वही  बनकर  रहा  जो  आज  है 

तू  है  इक  आदर्श , लोगों  का  प्रणेता 
हो  दमन  कितना  बनेगा  तू  विजेता 
राह   तेरी  देखता  ये  ताज  है 
"केजरी "  तुझपे  वतन  को  नाज़  है 

Sunil_Telang/27/08/2012


VIJETA

Kuchh alag hat ke tera andaaz hai
KEJRI tujhpe watan ko naaz hai

Tune logon se alag pahchaan banaai
Har yuva ke seene me ik lau jalaai
Tere lab  par desh ki aawaaz hai

Lobh, laalach se na tera waasta hai
KRANTI ki or tera raasta hai
Desh hit me tera har ik kaaj hai

Kitne hi shadyantr aaye saamne
Tujhko bhatkaane ke mansoobe bane
Tu wahi bankar raha jo aaj hai

Tu hai ik aadarsh, Logon ka praneta
Ho daman kitna Banega tu vijeta
Raah  teri dekhta ye TAAJ hai


Sunil_Telang/27/08/2012

Sunday, August 26, 2012

NAYI SHURUAAT


Nayi Shuruaat

Kuchh naye aadarsh dhoondhen jinme koi baat ho
Desh ke jantantr ki fir se nayi shuruaat ho

Fir wohi chehre puraane fir wohi tark- e- bayaan
Kuchh nahin kar paaye bus karte rahe gustaakhiyan
Aapsi chhinta kashi se kab humen nizaat ho

Hain kabar me pair fir bhi moh satta ke liye
Ye na kuchh kar paayenge ab kaam janta ke liye
Inko bhejo apne ghar chaahe wo hawalaat ho

Raajneeti ab bani shatranj ki bisaat hai
Har kutil chaalon ka badla ho tabhi kuchh baat hai 
Khel ho aisa ki teri shai ho unki maat ho

Desh ke jantantr  ki fir se nayi shuruaat ho

Sunil_Telang/26/08/2012



नयी  शुरुआत  

कुछ  नये  आदर्श  ढूंढें  जिनमे  कोई  बात  हो 
देश  के  जनतंत्र  की  फिर  से  नयी  शुरुआत  हो 

फिर  वही    चेहरे  पुराने  फिर  वही  तर्क - ए- बयां
कुछ  नहीं  कर  पाये  बस  करते  रहे  गुस्ताखियाँ 
आपसी  छींटा कशी  से  कब  हमें  निजात  हो 

हैं  कबर  में  पैर  फिर  भी  मोह  सत्ता  के  लिये 
ये  ना  कुछ  कर  पायेंगे  अब  काम  जनता  के  लिये 
इनको  भेजो  अपने  घर  चाहे  वो  हवालात  हो 

राजनीति  अब  बनी  शतरंज  की  बिसात  है 
हर  कुटिल  चालों  का  बदला  हो  तभी  कुछ  बात  है  
खेल  हो  ऐसा  कि तेरी  शै  हो  उनकी  मात  हो 

देश  के  जनतंत्र   की  फिर  से  नयी  शुरुआत  हो 

Sunil_Telang/26/08/2012









AAWHAAN



आह्वान



सिर्फ चिंतन से समस्या हल ना होगी 
अब क्रिया और प्रतिक्रिया का वक़्त है 
हर खिलाफत की जुबां खामोश कर दे 
देश का क़ानून कितना सख्त है 

देश हित में हो रहे है सब घोटाले
आपसी सहमति से परदे सबने डाले
क्या पड़ी तुझको इसे बाहर निकाले 
रहने दो पानी तेरा जो रक्त है 

ज़ुल्म सहना है नियति इंसान की
रह गयी ना कोई कीमत जान की 
बात क्यों करते हो तुम ईमान की 
बेचता भगवान उसका भक्त है 

कुछ ना पाया अनशन  हड़ताल से 
थक गए सब हो गए बेहाल से 
बाज ना सरकार आई चाल से 
बस पलटना अब ये ताज-ओ-तख़्त है 

अब क्रिया और प्रतिक्रिया का वक़्त है 

Sunil_Telang/26/08/2012

Sirf chintan se samasya hal na hogi
Ab kriya aur pratikriya ka waqt hai
Har khilafat ki zubaan khamosh kar de
Desh ka kaanoon kitna sakht hai

Sunil_Telang/26/08/2012

Saturday, August 25, 2012

SAMARPAN


समर्पण 

आने वाला है इलेक्शन ध्यान कर 
कुछ समर्पित लोगों की पहचान कर

पार्टी से मोह ममता छोड़ के
धर्म और जाति का रिश्ता तोड़ के 
अपना नेता चुन, समझ और जान कर 

वो जो तेरे हर कदम में  साथ हो 
जिसको तेरी हर समस्या ज्ञात  हो 
हो जिसे जनता के सुख दुःख की फिकर 

काम   जो   ईमानदारी  से  करे
लूट, लालच और व्यसन से हो परे
अपना निर्णय खुद करे हो के निडर 

कौन है ऐसा ,हुई तुझको फिकर
वो हम ही में है छुपा ,डालो नज़र
तू बदल खुद को,ये वैभव त्याग कर 

Sunil_Telang/25/08/2012