Sunday, October 7, 2012

NAYEE SUBAH



नयी सुबह

देखो नयी सुबह फिर आशा लेकर आई
जीवन में कुछ भरो उजाला, उठ जा भाई
बीत गया दिन, कल की उलझन कल पर छोडो
कोई रात सुबह का सूरज रोक न पाई 

Sunil_Telang/07/10/2012

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