फासले
जब भी मेरे दिल ने तुमको
भूलना चाहा सनम
तुमने आकर रोज़ ख्वाबों में
किया आँखों को नम .
मुझसे मिलते भी नहीं
करते हो वादा रोज़ तुम
प्यार का इकरार अक्सर
मुझको लगता है भरम .
फासले अक्सर बढ़ाते
हैं ज़माने के सितम
तुम उधर मजबूर हो , तो
इस तरफ लाचार हम
Sunil_Telang/13/10/2012
जब भी मेरे दिल ने तुमको
भूलना चाहा सनम
तुमने आकर रोज़ ख्वाबों में
किया आँखों को नम .
मुझसे मिलते भी नहीं
करते हो वादा रोज़ तुम
प्यार का इकरार अक्सर
मुझको लगता है भरम .
फासले अक्सर बढ़ाते
हैं ज़माने के सितम
तुम उधर मजबूर हो , तो
इस तरफ लाचार हम
Sunil_Telang/13/10/2012
FAASLE
Jab bhi mere dil ne tumko
Bhoolna chaaha sanam
Tumne aakar roz khwabon me
Kiya aankhon ko nam .
Mujhse milte bhi nahin
Karte ho vaada roz tum
Pyar ka ikraar aksar
Mujhko lagta hai bharam.
Faasle aksar badhate
Hain zamane ke sitam
Tum udhar majboor ho, to
Is taraf laachar hum
Sunil_Telang
No comments:
Post a Comment