हौसला
जो कमर कस के उतरे हैं मैदान में
वो सफल हों दुआ कीजिये
साथ चलने की तो सबको फुर्सत नहीं
हौसला ही बढ़ा दीजिये
ये खिलाफत नहीं न्याय का युद्ध है
आज निकले हैं वो हम सभी के लिये
इसको स्वार्थ का मत नाम देना कोई
ये लड़ाई है आम आदमी के लिये
हो रहा है पतन, लुट रहा है वतन
खैर अपनी मना लीजिये
आज बाजू में जलता है गर कोई घर
कल समझ लेना तुझ पर भी होगा असर
मूक बन कर तमाशा न तुम देखना
बोझ बन जाओगे अपनी औलाद पर
आज मौका मिला है तो हो के निडर
तल्ख़ अपनी ज़ुबां कीजिये
हौसला ही बढ़ा दीजिये
Sunil_Telang/13/10/2012
No comments:
Post a Comment