Hai abhi ummeed baki Gham na kar
Is kadar ghabra ke Aankhen nam na kar
See more- ग़म न कर
है अभी उम्मीद बाकी , ग़म न कर
इस कदर घबरा के आँखें नम न कर
लीक से हट कर चला , वो टिक न पाया
फिर भी अपने हौसले को कम न कर
आँधियों में भी जले हैं कुछ दिये
तू निराशा का सिला कायम न कर
टूट ना जाये सबर का बाँध इक दिन
ज़ब्त कर, ये ज़िक्र तू हरदम न कर
हमको है मालूम, ये मुश्किल सफ़र है
आयेगी मंजिल, कदम मध्यम न कर
Sunil_Telang/16/10/2012
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