Wednesday, October 17, 2012

BHAAICHAARA


भाईचारा 

राजनीति में न कोई दुश्मनी अब रह गई
दास्तां ये भाईचारे की बहुत कुछ कह गई

एक दूजे की मदद में हर कोई बस व्यस्त है
देश है सबका, इसे सब लूटने में मस्त हैं
देश की जनता तमाशा बीन बनकर रह गई

हर किसी नेता पे बस आरोप दर आरोप है
बात  करते  हैं  मगर उत्तर सभी में लोप है
हर सफाई बस बहस का मूल बन कर रह गई 

क्या इन्ही लोगों के पीछे देश चलता जायेगा 
क्या किसानों और गरीबों को कोई अपनायेगा 
देश को उत्तर की आशा  फिर  अधूरी  रह  गई

Sunil_Telang/17/10/2012

No comments:

Post a Comment