सब ठीक है
झूठ का पर्याय बनकर कर रहे बेशर्मियाँ
दे रहे हैं सब सफाई ,बन गईं हठधर्मियां
रोज़ आते हैं मुखौटा ओढ़कर मुस्कान का
भूल कर मुद्दा , सिला करते शुरू गुणगान का
चापलूसी में जुटी सरकार ,छोड़ी नरमियां
ठीक है सब, देख लो चाहे प्रगति के आंकड़े
आप क्यों रस्ते में आकर हो गए हैं यूँ खड़े
कूल हो जाओ न दिखलाओ हमें ये गर्मियां
देश की सरकार माई बाप है, भगवान है
छोटी मोटी गलतियों पर आपका क्यों ध्यान है
कुछ यकीं रहने भी दो अपने हमारे दरमियाँ
Sunil_Telang/08/10/2012
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