Wednesday, September 12, 2012

ZINDAGI


ज़िन्दगी


ज़िन्दगी से ना करना शिकायत कभी
जैसी भी हो, है आखिर तेरी ज़िन्दगी 

ज़िन्दगी देके अहसान रब  ने किया
तुझको खुशियाँ मनाने  का मौका दिया 
तूने  अपनाये ग़म , भूलकर हर ख़ुशी

ख्वाहिशों ने किया तुझपे कैसा असर 
जो मिला तुझको पूरा न आया नज़र 
तेरे रुख पे कभी आ ना पाई हँसी 

किसकी खातिर परेशान है  ज़िन्दगी 
सिर्फ दौलत से मिलती नहीं है ख़ुशी 
पास है जो तेरे, ये भी कम तो नहीं 

ज़िन्दगी में निराशा न लाना कभी  
ये है अनमोल, मत भूल जाना कभी 
कितने लोगों का सपना तेरी ज़िन्दगी 

Sunil_Telang/12/09/2012


  


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