फुटपाथ
हम भी इस दुनियां में हैं जिंदा अभी
कुछ हमारी भी खबर लेना कभी
हम हकीकत हैं कोई सपना नहीं
क्यों यहाँ हैं, पाप ये अपना नहीं
हम हैं बेबस ये समझ लेना कभी
पढना लिखना कुछ हमें ना रास आया
हमने तो फुटपाथ को ही घर बनाया
वक़्त हो तो फ़िक्र कर लेना कभी
ये महल, ये शान ओ शौकत और माया
हम गरीबों से ही तो तुमने कमाया
कुछ बचे तो हमको घर देना कभी
तुम हमारी शक्ल टीवी पर दिखा के
खींच कर तस्वीर कुछ ईनाम पा के
हमको भी इन्सां समझ लेना कभी
Sunil_Telang/02/09/2012
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