Sunday, September 2, 2012

FOOTPAATH





फुटपाथ 

हम भी इस दुनियां में हैं जिंदा अभी
कुछ हमारी भी खबर लेना कभी

हम हकीकत हैं कोई सपना नहीं 
क्यों यहाँ हैं, पाप ये  अपना नहीं
हम हैं बेबस ये समझ लेना कभी

पढना लिखना कुछ हमें ना रास आया 
हमने तो फुटपाथ  को ही घर बनाया
वक़्त हो तो फ़िक्र कर लेना कभी

ये महल, ये शान ओ शौकत और माया 
हम गरीबों से ही तो तुमने कमाया
कुछ बचे तो हमको घर देना कभी  

तुम हमारी शक्ल टीवी पर दिखा के
खींच कर तस्वीर कुछ ईनाम पा के
हमको भी इन्सां समझ लेना कभी 

Sunil_Telang/02/09/2012

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