Sunday, September 9, 2012

TARANA







तराना 

आओ  मिल  के  बनायें  तराना  नया

कुछ  इबारत  नई, कुछ  फ़साना  नया 


क्यों  ये   चेहरे  पे  मुस्कान  आती  नहीं


दर्द  की  आह  होठों  से  जाती  नहीं


भूल  जा  गत , तू  कर  के  बहाना  नया




चलो  माना  कि  मुश्किल  हुआ  है  सफ़र


हर  घडी  तुझको   रहती  है  कल  की  फिकर

फिर  भी  तुझको  मिलेगा  ठिकाना  नया

लूट  बैठे  हैं  अपने  विरासत  तेरी
रोज़  आंसू  बहाती  है  ग़ैरत  तेरी
लगता  है  एक  सपना  ज़माना  नया

चंद  लोगों  ने   जैसे  बिगाड़ी   फिज़ा
चंद  लोगों  से  बदलेगी  आब - -हवा
फिर  चमन  ये  बनेगा  वीराना  नया


Sunil_Telang/09/09/2012

TARANA 

Aao mil ke banayen tarana naya
Kuchh ibarat nai, kuchh fasana naya  

Kyon ye chehre pe muskaan aati nahin
Dard ki aah hothon se jaati nahin
Bhool ja gat , tu kar ke bahana naya

Chalo maana ki mushkil hua hai safar
Har ghadi tujhko rahti hai kal ki fikar
Fir bhi tujhko milega thikana naya

Loot baithe hain apne virasat teri
Roz aansoo bahati hai gairat teri
Lagta hai ek sapna zamana naya

Chand logon ne jaise bigadi fiza
Chand logon se badlegi aab-o-hawa
Fir chaman ye banega virana naya

Sunil_Telang/09/09/2012

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