PAISE KA PED
पैसे पेड़ों पे नहीं उगते हैं भाई
इतनी सी ये बात तुम्हें क्यों समझ न आई
करने पड़ते हैं इसकी खातिर घोटाले
तू भी पीछे का कोई रास्ता अपना ले
भ्रष्टाचार मुक्त ये देश बनेगा भाई
लोगों को बकने दो तुम चुप्पी अपना लो
अपनी करनी पर तुम भी इक पर्दा डालो
याददाश्त जनता की कम होती है भाई
हम तो हैं आज़ाद न कोई अब रोकेगा
हम चाहेंगे तो इक दिन ये देश बिकेगा
एक बार लाने तो दो ये एफ डी आई
पैसे पेड़ों पे नहीं उगते हैं भाई
इतनी सी ये बात तुम्हें क्यों समझ न आई
Sunil_Telang/23/09/2012
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