काबिलियत
इतनी काबिलियत लाइये
चाहे दिल में छुपा रक्खे हों लाख ग़म
सामने फिर भी मुस्काइये
ख्वाहिशें रखना होंगी अधूरी यहाँ
रोज़ सुनने की आदत ज़रूरी यहाँ
इन समस्याओं का अंत कोई नहीं
आप मत गौर फरमाइये
छुपते रहिये नज़र से अगर हो सके
देश के दर्द का ना असर हो सके
कोई दौरा बताकर विदेशों की कुछ
आप भी सैर कर आइये
देश के सामने कोई रस्ता नहीं
हम ज़रुरत हैं कोई विवशता नहीं
ये विरोधी दलों की लड़ाई का कुछ
फायदा आप भी पाइये
Sunil_Telang/27/09/2012
No comments:
Post a Comment