Friday, September 28, 2012

KAABILIYAT



काबिलियत

इतनी काबिलियत लाइये
चाहे दिल में छुपा रक्खे हों लाख ग़म
सामने फिर भी मुस्काइये

ख्वाहिशें रखना होंगी अधूरी यहाँ 
रोज़ सुनने की आदत ज़रूरी यहाँ 
इन समस्याओं का अंत कोई नहीं 
आप मत गौर फरमाइये

छुपते रहिये नज़र से अगर हो सके 
देश के दर्द का ना असर हो सके 
कोई दौरा बताकर विदेशों की कुछ 
आप भी सैर कर आइये

देश के सामने कोई रस्ता नहीं
हम ज़रुरत हैं कोई विवशता नहीं
ये विरोधी दलों की लड़ाई का कुछ 
फायदा आप भी पाइये 

Sunil_Telang/27/09/2012


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