Main koi kavi ya shaayar nahin hoon, Bus jo bhi apne aas paas dekhta hoon ya apne saath ghat raha hai, usko shabdon me dhaalne ki koshish karta hoon.
Tuesday, May 21, 2013
PRAHARI
प्रहरी वो नहीं दिखता हमे, जो हो रहा है देश का स्तम्भ चौथा, सो रहा है रोज़ करते हैं मनोरंजन सुबह से रात तक पर ज़रूरी मामलों पर ना उठाते बात तक देश का प्रहरी सजग पहचान अपनी खो रहा है Sunil_Telang/21/05/2013
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