Thursday, May 16, 2013

AA GAYA MAUKA



आ गया  मौका 

इतने घोटाले निकलते हैं यहाँ  
भूल जाते  लोग क्या है माजरा 
पहले होता था अचम्भा किस कदर 
अब किसी को फर्क ना  पड़ता ज़रा 

हर कोई बेबस है और लाचार है 
मान बैठे है नहीं रस्ता कोई
सबको देखा आजमाकर, बिक रहा 
कोई मंहगे दाम पर, सस्ता कोई 

किसकी खातिर कर रहे दौलत जमा 
एक दिन रह जायेगा यूँ ही धरा 

उनको है उम्मीद ये जनतंत्र भी 
एक दिन पैसे के दम पर आयेगा 
भूल कर ज़ुल्मो सितम की दास्ताँ 
उनको ही ये ताज फिर पहनायेगा 

लोग आपस में बंटे हैं इस कदर 
पायेंगे ना रहनुमा कोई दूसरा 

वक़्त है अब अपने  मन में ठान लो 
अपनी ताकत को ज़रा पहचान लो 
हैसियत उनकी तुम्हारे दम से है 
वोट की अब अहमियत तुम जान लो 

आ गया मौका सबक सिखलाने का 
उठ गया आम आदमी,जो था डरा 

Sunil_Telang/16/05/2013







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