Apni mehfil,Raag apna,Ab tujhe kya chaahiye
Bus kami itni hai, Koi sunne wala chaahiye
KIS LIYE
अपनी महफ़िल, राग अपना, अब तुझे क्या चाहिये
बस कमी इतनी है , कोई सुनने वाला चाहिये
किस लिये
कुछ खबर उनको नहीं , गर्वित हैं वो किस बात पर
रौशनी उनको मिली , पर बुझ गये कितने दिये
आंकड़ों में हो रही है फिर तरक्की देश की
दे ना पाये रोटियाँ बस पेट भरने के लिये
लूट , घोटालों की चर्चा होगी बेमतलब यहाँ
ये तरीके कारगर हैं राज करने के लिये
Wi - Fi और कंप्यूटर से घिर बैठा युवा
मिल सकी ना रोजगारी काम करने के लिये
मिल गया आबादी पे कन्ट्रोल का रस्ता नया
आम जनता रह गई जीते जी मरने के लिये
Sunil_Telang/22/05/2013
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