Thursday, May 30, 2013

AMAN



अमन 

जान पे बन आई अब तो चेत जाओ 
यूँ समस्याओं को ना आगे बढ़ाओ 

जीते जी जब हो गया मुश्किल गुज़ारा 
ले रहे वो आज हिंसा का सहारा 
अब दमन से राह मत टेढ़ी बनाओ 

बात कोई आन की ना शान की है 
बात मुद्दे की फकत पहचान की है 
कुछ झुको तुम और कुछ उनको झुकाओ 

जिसने भी इंसानियत पे कहर ढाया 
व्यर्थ हिंसा से कभी कुछ भी ना पाया 
अब अमन के रास्ते पर पग बढ़ाओ 

Sunil_Telang/30/05/2013

No comments:

Post a Comment