Thursday, December 13, 2012

UJLI SUBAH





उजली सुबह

छंट गए बादल, सुबह उजली हुई है,जान ले

तू अँधेरे से निकल कर रौशनी पहचान ले 

रात कितनी भी हो गहरी रोक ना पाये सहर 

ज़िन्दगी गम और ख़ुशी का मेल है तू मान ले 

सुनील_तैलंग /13/12/2012

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