Tuesday, December 4, 2012

F D I


एफ डी आई

फिर वही आरोप प्रत्यारोप का है सिलसिला 
देखने की बात है हमको अभी तक क्या मिला 

कितनी ही जनता के हित की योजनायें आई हैं 
तीर तरकश में नये  सरकार  भर कर लाई हैं 
एफ डी आई की चर्चा से  ये जनमानस हिला 

दो दिनों तक खूब संसद में चलेगी ये बहस 
देश के हमदर्द बनकर खायेंगे हम पर तरस 
एक हो जायेंगे सब फिर भूल कर शिकवा गिला 

देश की जनता को लुटना है लुटेगी  हर कदम 
ये अहम् की है लड़ाई देश हित लगता है कम  
फिर विदेशी लोग अब लेने ना पायें दाखिला 

Sunil_Telang/04/12/2012

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