बहुमत
हम तो हैं सरकार हमें तुम कम ना मानो
देश चलाने के हथकंडे हमसे जानो
बिल चाहे हो लोकपाल या एफ़ डी आई
बहुमत की चिंता माथे पर शिकन ना लाई
सदा मुलायम और माया ही राह बनावें
जाने किसका डर दोनों के वोट दिलावे
वही हुआ जिसका डर था हम समझ न पाये
राजनीति की तिकड़म गुस्सा खूब दिलाये
बहस छिड़ी है गाँवों सड़कोँ से संसद तक
नेताओं का देशप्रेम जाग उठा अचानक
भूल गये इस गफलत में सारे घोटाले
घूम रहे हैं सब बाँहों में बाँहें डाले
सुनील_तेलंग /06/12/2012
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