RUKH
रुख
यकीं उनको न अब तक आ रहा है
हवा का रुख़ बदलता जा रहा है
फलक पे आज तक जो उड़ रहे थे
सितारा उनका ढलता जा रहा है
कवायद का असर ऐसा हुआ है
लहू सबका उबलता जा रहा है
हक़ीकत रास ना आयेगी उनको
नतीजा अब बदलता जा रहा है
कोई गुमराह अब ना कर सकेगा
ये जन मानस संभलता जा रहा है
Sunil_Telang/07/10/2013
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