RAAZ
राज़
कोई राज़ उसका छुपा तो नहीं है
है इंसान वो भी, खुदा तो नहीं है
शिकायत न तेरी कभी ख़त्म होगी
है आदत तुम्हारी, खता तो नहीं है
ना अच्छाई देखो, मगर इतना समझो
बुराई से भी वास्ता तो नहीं है
ये घबराना तेरा जुबां पे ये तल्खी
हकीकत से तू भी डरा तो नहीं है
Sunil_Telang/14/10/2013
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