सिर्फ चिंतन
इक नया मुद्दा उठाकर ध्यान भटका दीजिये
फिर खड़े होकर के चौराहों पे चर्चा कीजिये
सिर्फ चिंतन और चिंतन,और कोई हल नहीं
कुछ नये आश्वासनों से बोझ हल्का कीजिये
हादसे होते रहेंगे देश अपना है बड़ा
मौन रहकर कुछ दिनों तक नब्ज़ देखा कीजिये
सैनिकों को कुछ नये अभ्यास की दरकार है
चोट लगने पर ना इतना शोर बरपा कीजिये
इस कदर ना सोचिये,आराम में होगा खलल
है अभी किरकिट का मौसम मैच देखा कीजिये
पांच बरसों तक इन्हें ये राज हम ने ही दिया
यूँ प्रगति का रास्ता हरदम ना रोका कीजिये
Sunil _Telang /13/01/2013
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