Thursday, January 17, 2013

DEKHTE HI RAHE


देखते ही रहे 

कुछ  ना  कर पाये  , देखते  ही  रहे 
अश्क  भर  आये ,  देखते   ही   रहे 

उसके जाने का कोई ग़म तो ना था 
ज़ख्म  उभर  आये , देखते  ही  रहे

थाम  के   हाथ   किया  था   वादा 
वो  न   घर  आये,  देखते   ही  रहे 

रोज़   उम्मीद   रही ,  ख़्वाबों    में 
वो   नज़र  आये ,  देखते   ही   रहे 

तेरी  हसरत  में  उम्र  यूँ    तन्हा 
ना गुज़र जाये  , देखते    ही   रहे 

Sunil_Telang/17/01/2013




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