क्या करें कोई नहीं सुनता हमारी
रोती है रोती रहे जनता बेचारी
आ गया कमजोरियां हमको छुपाना
रोती है रोती रहे जनता बेचारी
आ गया कमजोरियां हमको छुपाना
लब पे आया रोज़ झूठा इक बहाना
आम जनता पर पड़ें हम रोज़ भारी
हम तो हैं सरकारी नौकर देख लो
चाहे हमको आजमाकर देख लो
काम होगा ,कुछ करो तीमारदारी
फाइलों का ढेर टेबल पर लगाकर
अपना सर हरदम रखें नीचे झुकाकर
काम करते हैं जो होता लाभकारी
Sunil _Telang /27/01/2013
Sunil _Telang /27/01/2013
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