Friday, January 25, 2013

KAISA YE GANTANTRA


कैसा ये गणतंत्र

फिर आई  छब्बीस  जनवरी  चलो  नया गणतंत्र मनायें 
देश भक्ति के गीत सुनें और देशभक्त हम  भी कहलायें  

बारह मास मिलेंगे हमको , रहें आज  तो  नेता  बन  के 
हुये  परेशां  रोज़  विदेशी  शर्ट, ब्रांडेड  जीन्स  पहन   के 
आजतो बस  खादी का कुरता,धोती ,टोपी पहन के आयें  

दशा  देश  की  चाहे जो हो ,झांकी में  ना कोई कमी हो 
भीड़ तंत्र की रहे व्यवस्था , सर्दी, बारिश या  गरमी  हो  
मुख्य अतिथि हैं बड़े देश के,कुछ उनके मन को बहलायें 

कैसा ये गणतंत्र हमारा ,सुनता  कोई   नहीं  प्रजा  की 
अपने दिल की व्यथा बताये, कहाँ हैसियत है राजा की 
फिर भी देश महान हमारा सब मिलकर जन गण मन गायें 

Sunil_Telang/26/01/2013




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