बार बार
बार बार लगातार
फिर वही बलात्कार
फिर नया इक शिकार
बेबसी की पुकार
कब तलक द्वार द्वार
अस्मतें तार तार
बेफिकर चारागर
सिस्टम ये बीमार
खौफ से बेखबर
घूमते गुनाहगार
क्या कभी एक बार
होंगे वो शर्मसार
चैन पायेगी कभी
रूह उसकी एक बार
Sunil_Telang/05/01/2013
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