Tuesday, January 29, 2013

MAIN TO HOON NAADAN




मैं तो हूँ नादान 

मैं तो हूँ नादान मुझको माफ़ करना 
पाप ये कैसे हुआ, मुझको खबर ना 

ये  उमर  तो  सीखने  और खेलने की 
मुझको तो आदत नहीं दुःख झेलने की 
न्याय मेरे साथ है, मुझको फिकर ना 

कितने पापी ,पातकी हैं इस धरा पर 
जो विचरते हैं यहाँ बस मुस्कुरा कर 
उनके आगे मैं तो हूँ बस एक अदना 

धन्य  है  ये न्याय की  पद्धति हमारी 
रो   रही  है  छुप  के मानवता बेचारी 
आह  उसकी  कोई  ढा  बैठे  कहर ना 

Sunil _Telang /29/01/2013

MAIN TO HOON NAADAN 

Main to hoon naadan mujhko maaf karna 
Paap ye kaise hua mujhko khabar na 

Ye umar to seekhne aur khelne ki 
Mujhko to  aadat nahi dukh khelne ki 
Nyay mere saath hai mujhko fikar na 

Kitne paapi,Paataki hain is dhara par
Jo vicharte hain yahan bus muskurakar
Unke aage main to hoon bus ek adna

Dhany hai ye nyaay ki paddhati humari 
Ro rahi hai chhup ke maanavta bechari
Aah uski koi dha baithe kahar na 

Sunil_Telang/29/01/2013















Sunday, January 27, 2013

KARMCHAARI

क्या करें कोई नहीं सुनता हमारी 
रोती  है  रोती  रहे जनता  बेचारी 
ये कोई मजबूरी है या इक बीमारी




कर्मचारी

जब से शासन के हुये हम कर्मचारी

देश हित में ही रही सेवा हमारी 

आ गया कमजोरियां हमको छुपाना
लब पे आया रोज़ झूठा इक बहाना
आम जनता पर पड़ें हम रोज़ भारी

हम तो हैं सरकारी नौकर देख लो 
चाहे हमको आजमाकर देख लो 
काम होगा ,कुछ  करो तीमारदारी 

फाइलों का ढेर टेबल पर लगाकर 
अपना सर हरदम रखें नीचे झुकाकर 
काम करते हैं जो होता लाभकारी 

Sunil _Telang /27/01/2013

GHAM ZYADA KAM KHUSHI



ग़म ज्यादा कम ख़ुशी 

हादसों  से  भरी   ज़िन्दगी  हो   गई 
ग़म हैं ज्यादा, कहाँ ये ख़ुशी खो गई 

लोग  रहते  हैं घर  में डरे किस कदर 
जब से  उनकी  जवां  लाडली हो गई 

कैसे  पहचान  हो  अब गुनहगार  की 
राजनीति  भी  अब  मज़हबी  हो गई 

कम हुआ हुक्मरानों में जनता का डर 
आन्दोलन  थमा, "दामिनी" सो   गई 

याद  रखना ज़हन  में  ये  कुर्बानियां 
फिर कवायद ये  अब लाज़मी हो गई 
(कवायद-Drill, लाज़मी-Essential)

Sunil_Telang/27/01/2013
                                                 


Saturday, January 26, 2013

PARIVARTAN




परिवर्तन

बहुत  हुआ  उत्थान हमारा मगर  खोखले  हैं अन्दर से 
कैसे  आयेगा परिवर्तन, निकले ना  हम  अपने  घर से 

कितने बेबस लोग हैं जिनको मिले न दो वक्तों की रोटी 
इतने   बरस  गुजारे यूँ  ही सोचा नहीं  कभी  अन्दर से  

जिनके  दम  से  ये  बिल्डिंगें, ये  मीनारें  खड़ी  हुई  हैं 
अभी तलक अपने आँगन में दीवारों और छत को तरसे 

अनुत्तरित हैं  मूल प्रश्न  जो जुड़े  हुये  हैं इस जीवन से 
फुर्सत नहीं कभी मिल पायी  बीत गये  हैं कितने अरसे 

जाने किसकी प्रगति हुई है, किसने खोया किसने पाया 
एक बार तो हम भी समझें मिला है क्या इस लोकतंत्र से 

देख रहे क्यों  रोज़  लुट रही अस्मत और विरासत अपनी 
जागो, उठ  कर  बैठो, वरना पानी गुज़र ना जाये सर  से

Sunil_Telang/26/01/2013

PARIVARTAN

Bahut hua utthaan humara,magar khokhle hain andar se 
Kaise aayega parivartan , nikle na hum apne ghar se 

Kitne bebas log hain jinko mili na roti do waqt ki 
Itne varas guzaare yun hi socha nahi kabhi andar se 

Jinke dum se ye buildingen , ye meenaren khadi hui hain 
Abhi talak apne aangan me deewaron aur chhat lo tarse

Anuttarit hain mool prashn jo jude huye hain is jeewan se 
Fursat nahi kabhi mil paayee beet gaye hain kitne arse

Jaane kiski pragati hui hai, kisne khoya kisne paaya
Ek baar to hum bhi samjhen mila hai kya is Loktantra se 

Dekh rahe kyon roz lut rahi asmat aur virasat apni
Jaago, uth kar baitho,Varna pani guzar na jaaye sar se 

Sunil_Telang/26/01/2013


Friday, January 25, 2013

KAISA YE GANTANTRA


कैसा ये गणतंत्र

फिर आई  छब्बीस  जनवरी  चलो  नया गणतंत्र मनायें 
देश भक्ति के गीत सुनें और देशभक्त हम  भी कहलायें  

बारह मास मिलेंगे हमको , रहें आज  तो  नेता  बन  के 
हुये  परेशां  रोज़  विदेशी  शर्ट, ब्रांडेड  जीन्स  पहन   के 
आजतो बस  खादी का कुरता,धोती ,टोपी पहन के आयें  

दशा  देश  की  चाहे जो हो ,झांकी में  ना कोई कमी हो 
भीड़ तंत्र की रहे व्यवस्था , सर्दी, बारिश या  गरमी  हो  
मुख्य अतिथि हैं बड़े देश के,कुछ उनके मन को बहलायें 

कैसा ये गणतंत्र हमारा ,सुनता  कोई   नहीं  प्रजा  की 
अपने दिल की व्यथा बताये, कहाँ हैसियत है राजा की 
फिर भी देश महान हमारा सब मिलकर जन गण मन गायें 

Sunil_Telang/26/01/2013




Thursday, January 24, 2013

AHSAAN

अहसान 

दिल किसी का न तुम दुखा देना 
कुछ ना  दे  पाओ  तो  दुआ देना 

जाने  किस  बात   से  परेशां  हो 
दर्द   की   हो   सके,    दवा   देना 

वो  भी  तेरी तरह इक इन्सां  है 
हो   ज़रुरत,   तो   आसरा   देना 

वक्त ये  जाने  कब   बदल   जाये 
रोज़  किस्मत  को  दोष ना देना 

जो  हैं  नादां , तुझे  ना  समझेंगे 
उनकी  बातों  पे  मुस्कुरा   देना 

ले  के  अहसान  भूल मत जाना 
जो   दिया   है   उसे  भुला   देना 

Sunil_Telang/24/01/2013












Wednesday, January 23, 2013

IS KADAR



इस कदर 

इस कदर भी ज़ुल्म  कोई ना करे 
तोड़ कर दिल, प्यार से देखा करे 

दूर रह कर वस्ल की ख्वाहिश करे
घर  बुला   के  सामने   पर्दा   करे   (वस्ल -मिलन)

धडकनों में बस गया वो इस कदर 
फिर भला अब काम कोई क्या करे 

क्या क़यामत है,अजब हालात हैं 
हो के वो  मेरा  मुझे  रुसवा   करे  (रुसवा  -बदनाम )

चैन उसको भी नहीं ढा  के सितम 
बेरुखी ये  फिर  जुनूं   पैदा   करे 

इस कदर खामोशियाँ अच्छी नहीं 
बात कोई हो जो दिल हल्का करे 

भूल पाना उसको अब मुमकिन नहीं 
याद उसकी रोज़ दिल तन्हा  करे 

Sunil _Telang /23/01/2013




Monday, January 21, 2013

JAZBAA

जज़्बा 


तुमसे   मैं   कैसे  करूँ  गिला 
तुम  भी  तो परेशां  लगते हो 
मुझको बेचैन  किया तो क्या 
तुम भी  रातों  को  जगते  हो 

ये दिल तो  सदा  तुम्हारा  था 
इसको ठुकरा  कर  क्या पाया 
अपने  ही  हाथों  आग  लगा
खुद भी  दिन रात सुलगते हो 

ये प्यार  कुछ  ऐसा जज़्बा  है 
जाने किस पर दिल आ जाये 
तुम  को  भी चाह  हमारी  है 
फिर  दूर-दूर  क्यों  भगते हो 

ये   लाज   शर्म,  ये  मजबूरीं 
ये  रस्में ,ज़माने  के   बंधन 
जाने कितनी मुश्किल होंगी 
तुम फिर भी अच्छे लगते हो 

Sunil _Telang /18/01/2013










AE KHUDA


ऐ खुदा

ऐ खुदा, रहमत तेरी कुछ रंग लाये 
इन दुआओं का असर खाली ना जाये  

जंग कोई लड़ रहा है ज़िन्दगी की 
हो रही है आज़माइश बंदगी की 
तेरे दर पर हम खड़े हैं सर झुकाये 

तू जो चाहे हर सदा खामोश कर दे 
तू जो चाहे मुर्दा दिल में जोश भर दे 
तू जो चाहे पत्थरों में जान आये 

नेक वन्दों पर तेरा साया ज़रूरी 
तू ही साईं ,तू ही दाता,तू सबूरी 
नूर तेरा सारा आलम जगमगाये 

Sunil _Telang /21/01/2013

Sunday, January 20, 2013

CHINTAN SHIVIR




चिंतन शिविर

हो गया चिंतन शिविर संपन्न कुछ संकल्प लेकर 
एकजुटता  का  प्रदर्शन   देश  ने  देखा    निरंतर 
भूल  बैठे   मूल  मुद्दे   ताजपोशी  की  फिकर  में 
जश्न  का  माहौल  देखो  कैसे  छाया देश भर में 





भूख , मंहगाई , ग़रीबी ,नारियों  का  मान  मर्दन 
ना नज़र आया किसी को देश के लोगों का क्रन्दन 
क्या तरस खायें हम अपने वोटरों की सन्मति पर 
अब युवा नेतृत्व  पा के देश फिर होगा प्रगति पर 

Sunil _Telang /20/01/2013

CHINTAN Ya CHINTA


Ho gaya Chintan Shivir sampann kuchh sankalp lekar
Ek-jut-ta ka pradarshan desh ne dekha nirantar
Bhool baithe mool mudde taajposhi ki fikar me 
Jashn ka maahol dekho kaise chhaya desh bhar me 

Bhookh, Manhgaai, Garibi, Naariyon ka maan-mardan 
Na nazar aaya kisi ko desh ke logon ka krandan 
Kya taras khaayen hum apne voteron ki sanmati par
Ab yuva netratv paa ke desh fir hoga pragati par

Sunil _Telang /20/01/2013


BAAWRA MAN

बावरा  मन
सोचते  हैं  हम  भी कर लें आज चिंतन 
हो  सके  शायद   हमारा   पाक  दामन 

पा लिया इतना मगर लगता वो कम है 
जो  नहीं  है पास अपने  उसका ग़म  है 
क्यों  भटकता  है  हमेशा   बावरा  मन 

रोज़   देते   हैं  नसीहत   और     उपाय 
जब तलक खुद पे मुसीबत आ ना जाये 
दर्द   सुनते   दूसरों  का  हो  के   बेमन 

हर कमी का दोष  सिस्टम पर लगाया  
अपना  कोई  ऐब  तो  ना नज़र आया 
एक  दिन  तो  देख  लेते हम भी दर्पन

Sunil _Telang /20/01/2013




Saturday, January 19, 2013

CHALTE RAHNA



चलते रहना 

हौसला  ना   टूट  जाये ,  चलते    रहना 
जब तलक मंजिल ना आये, चलते रहना 

फिर  गुनाहगारों  ने  दुस्साहस किया है 
फिर  किसी  मासूम  को बेबस किया  है 
अब  नहीं  मंज़ूर  हमको  छलते   रहना 

कब तलक  सुनते  रहें  मजबूरियों  को  

कब  तलक  होगा  ज़रूरी  नारियों  को 
खौफ  के साये  में  यूँ  ही  पलते रहना 

इन्तेहा अब ज़ुल्म  की  बस  हो  गई  है 
कितनी  नारियों   की पेहचां  खो गई है 
हो ना पाये  अब  अँधेरा , जलते   रहना 

Sunil_Telang/19/01/2013









Sunil_Telang

Thursday, January 17, 2013

DEKHTE HI RAHE


देखते ही रहे 

कुछ  ना  कर पाये  , देखते  ही  रहे 
अश्क  भर  आये ,  देखते   ही   रहे 

उसके जाने का कोई ग़म तो ना था 
ज़ख्म  उभर  आये , देखते  ही  रहे

थाम  के   हाथ   किया  था   वादा 
वो  न   घर  आये,  देखते   ही  रहे 

रोज़   उम्मीद   रही ,  ख़्वाबों    में 
वो   नज़र  आये ,  देखते   ही   रहे 

तेरी  हसरत  में  उम्र  यूँ    तन्हा 
ना गुज़र जाये  , देखते    ही   रहे 

Sunil_Telang/17/01/2013




Monday, January 14, 2013

KHATA

KHATA

Ek chhoti si khata me kitna dum tha 
Umr bhar chaaha unhen par wo bhi kam tha 
Humne dil aur jaan uske naam kar di 
Jo kabhi mera na tha bus ik bharam tha 
Unki mehfil humne khushiyon se saja di 
Meri tanhaai ka saathi mera ghum tha

एक छोटी  सी ख़ता मे कितना दम था 
उम्र भर चाहा उन्हें पर वो भी कम था 
हमने दिल और जान उसके नाम कर दी 
जो कभी मेरा ना था बस इक भरम था 
Sunil_Telang/15/12/2012

Sunday, January 13, 2013

MOHABBAT



मोहब्बत
दर्द   में   डूबी   हुई   हर   शाम    है 
इस  मोहब्बत  का  यही  अंजाम  है 

मरते दम तक चैन ना मिलता किसी को 
जीते  जी  ये  कोशिश-ए -नाकाम है 

आंसुओं की स्याही से लिक्खा  फ़साना 
बेवफाई   का  सिला   ईनाम   है 

कितने  दीवाने  फना  इसमें हुये  हैं 
फिर भी ये इक मयकशी का जाम है 

लोग कहते हैं मोहब्बत ज़िन्दगी है 
फिर मोहब्बत किस लिये बदनाम है 

Dard me doobi hui Har shaam hai 
Is mohabbat ka yahi Anjaam hai

Marte dum tak chain na Milta kisi ko 
Jeete ji ye Koshish-e-Naakam hai 

Aansuon ki syahi se Likkha fasana 
Bewafai   ka      sila     Inaam    hai

Kitne deewane fana Is me huye hain
Fir bhi ye ik Maikashee ka jaam hai 

Log kahte hain Mohabaat zindagi hai 
Fir mohabbat kis liye Badnaam hai

Sunil_Telang/13/01/2013

SIRF CHINTAN



सिर्फ चिंतन

इक नया मुद्दा  उठाकर ध्यान भटका दीजिये 
फिर खड़े होकर के चौराहों पे चर्चा कीजिये 

सिर्फ चिंतन और चिंतन,और कोई हल नहीं 
कुछ नये आश्वासनों से बोझ हल्का कीजिये 

हादसे  होते  रहेंगे  देश  अपना  है    बड़ा 
मौन रहकर कुछ दिनों तक नब्ज़ देखा कीजिये 

सैनिकों को कुछ नये अभ्यास की दरकार है 
चोट लगने पर ना इतना शोर बरपा कीजिये 

इस कदर ना सोचिये,आराम में होगा खलल 
है अभी किरकिट का मौसम मैच देखा कीजिये 

पांच बरसों तक इन्हें  ये राज हम ने  ही दिया 
यूँ प्रगति का रास्ता हरदम ना  रोका  कीजिये 

Sunil _Telang /13/01/2013

Friday, January 11, 2013

SABAK

सबक 

क्यों भला हम सह रहे हैं ये शरारत  बार बार 
अब  तलक दो सर  कटे हैं और कितना इंतज़ार

हो नहीं सकती है ये नापाक हरकत भूल  से  
काफिले चलते नहीं  हैं जो नियम और उसूल से 
उनको कितनी बार माफ़ी, क्यों नहीं  होता प्रहार 

लाल  खोये हैं  जिन्होंने , ऐसी माँओं  को नमन 
गर्व करती  हैं शहादत  पर , नहीं कोई शिकन 
कब कोई समझेगा उनके मन की पीड़ा  एक  बार 

कब तलक बातों का मौसम , कब कदम होंगे कड़े 
सैनिकों के  वेश में ये  आततायी हैं  खड़े 
अब सबक इनको सिखाओ चाहे रण हो एक बार 

Sunil _Telang /10/01/2013

AAJ BHI

  AAJ BHI

Ho haseen tum, Naaznee tum, Khoobsurat shaayri tum
Tumko main kya kya pukaarun, Ban gaye ho zindagi tum

Har subah khwahish teri, Har shaam tere naam thi
Waqt kaisa aa gaya ye, Ajnabee hum Ajnabee tum

Chalte chalte raah badli,Dooriyan badhne lagi
Jaaane kaisa mod aaya, Ab kahi hum aur kahi tum

Aah  me   taaseer  hogi, To  karegi  kuchh  asar
Yaad mujhko hi karoge bhoolne ke baad bhi tum

Ho gaye ho tum juda, Par kah rahi hain hichkiyan
Roz laate ho zubaan par, Naam mera aaj bhi tum

Sunil_Telang/11/01/2013

आज भी  

हो हसीं तुम, नाजनीं  तुम, खूबसूरत  शायरी तुम 
तुम को मैं क्या क्या पुकारूं , बन गये  हो ज़िन्दगी तुम

हर सुबह ख्वाहिश तेरी, हर शाम तेरे नाम थी 
वक़्त कैसा आ गया ये, अजनबी हम अजनबी तुम 

चलते चलते राह बदली, दूरियां बढ़ने लगी 
जाने कैसा मोड़ आया ,अब कही हम और कहीं  तुम 

आह में तासीर होगी , तो करेगी कुछ असर
याद मुझको ही करोगे, भूलने के बाद भी तुम

हो गये  हो तुम जुदा, पर कह रही हैं हिचकियां 
रोज़ लाते हो जुबां पे, नाम मेरा आज भी तुम 

Sunil_Telang/14/01/2013







Wednesday, January 9, 2013

NAYA RAASTA



नया रास्ता 

गर  परेशां   हैं,  नये  रस्ते  पे  चलिये 
पार्टी  कोई  भी  हो  उसको   बदलिये 

अंध-भक्ति  इतनी  भी  अच्छी  नहीं 
देख कर, सुन कर ,समझकर चाल चलिये 

चार  दिन  की  चांदनी  की  लालसा में 
पांच बरसों तक ना यूँ  दिन रात जलिये 

अपनी ये कमजोरियां, ताक़त हैं उनकी 
खींच  कर  बैशाखियाँ  पाला   बदलिये 

इनका  मकसद  आपसी  रंजिश  बढ़ाना 
अब तो मज़हब, जात  से बाहर निकलिये 

कद्र  ना  जन भावनाओं  की  करें  जो 
उनको चुनकर फिर ना ऐसे हाथ मलिये 

Sunil _Telang /09/01/2013

Monday, January 7, 2013

NAGINA


NAGINA

Wo khush rahe na kabhi mujhse yun juda hokar
Wafa   talashte  patthar  me   Nagina      khokar 

Unhen guroor tha  Husn-o-jamaal par itna 
Ki  tod  dala har  ik dil  laga  ke  ik  thokar

Dhala jo husn to wo samjhe wafa ki keemat
Sukha rahe hain wo daaman ko ashkon se dhokar  

Talaashti hai nazar kyon usi ko duniya me
Jo ho saka na tera  umr bhar tera hokar

Badalte rahte hain mausam bahaaren aati hain
Chaman ujadte nahin  ek phool ko khokar

नगीना

वो खुश रहे ना कभी मुझसे यूँ जुदा होकर
वफ़ा  तलाशते  पत्थर  मे नगीना  खोकर 

उन्हें गुरूर था हुस्न-ओ-जमाल पर इतना 
कि तोड़ डाला हर इक दिल लगा के  इक ठोकर

ढला जो हुस्न तो वो समझे वफ़ा की कीमत
सुखा रहे हैं वो दामन को अश्कों से धोकर  

तलाशती है नज़र क्यों उसी को दुनिया मे
जो हो सका ना तेरा  उम्र भर तेरा होकर

बदलते रहते हैं मौसम बहारें आती हैं
चमन उजड़ते नहीं  एक फूल को खोकर

Sunil_Telang/07/01/2012

Saturday, January 5, 2013

BAAR BAAR

बार बार
बार बार लगातार 
फिर वही बलात्कार 

फिर नया इक शिकार 
बेबसी की पुकार 

कब तलक द्वार द्वार 
अस्मतें  तार तार 

बेफिकर चारागर  
सिस्टम ये बीमार 

खौफ से बेखबर 
घूमते गुनाहगार 

क्या कभी एक बार 
होंगे वो  शर्मसार 

चैन पायेगी कभी 
रूह उसकी एक बार 

Sunil_Telang/05/01/2013


MAAN APMAAN



MAAN APMAAN 

Keematen lagne lagi samman ki
Naariyon ke maan aur apmaan ki

Maan lo panchayton ke faisle
Khair chaaho ab agar tum jaan ki

Hausle dushkarmiyon ke badh gaye 
De rahe jhoothi duhaai aan ki

Dhajjiyan udne lagi kaanoon ki
Roz chadhti hai bali imaan ki

Har shahadat ik tamaasha ho gai
Kaisi fitrat ho gai insaan ki

Ae gunahgaaro khuda se kuchh daro
Yun mitaao na krati bhagwaan ki

Sunil_Telang/05/01/2013

मान  अपमान 


कीमतें लगने लगी सम्मान  की 
नारियों के मान और अपमान की 

मान  लो   पंचायतों  के फैसले 
खैर  चाहो अब अगर तुम  जान की 

हौसले दुष्कर्मियों के  बढ़ गये 
दे रहे झूठी दुहाई आन   की 

धज्जियाँ उड़ने लगी क़ानून की 
रोज़  चढ़ती है  बलि   ईमान की 

हर शहादत   इक तमाशा हो गई 
कैसी फितरत हो गई इंसान की 

ऐ गुनहगारो , खुदा  से  कुछ डरो 
यूँ  मिटाओ ना कृति भगवान की  

Sunil _Telang