राजनीति
राजनीति में कोई दुश्मन नहीं
जाति धर्मों का कोई बंधन नहीं
दो दिनों का रूठना क्या रूठना
है विपक्षी पैंतरा , कारन नहीं
शब्द बाणों से करें घायल बहुत
ये दिखावा है महज,अनबन नहीं
हर कोई नंगा हुआ बैठा मगर
सामने रहता कोई दर्पन नहीं
अपनी अपनी पार्टी की है फिकर
आम जनता का कोई टेंशन नहीं
रोज़ करते हैं समर्थन वापसी
वक़्त से पहले चुनावी मन नहीं
Sunil_Telang/19/03/2013
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