क्या मिला
सिर्फ अब बदलाव ही है रास्ता
कब तलक दोगे खुदा का वास्ता
भूख, मंहगाई, ग़रीबी के सिवा
क्या मिला तुझको अभी तक ये बता
फ़र्ज़ और ईमां पे जो थे मिटने वाले
हो गये जाने कहाँ पर लापता
गैर के हाथों में किस्मत हो तेरी,तो
हश्र क्या होगा नहीं तुझको पता
चंद पैसों की चमक में मग्न होकर
ज़िन्दगी भर की ख़ुशी क्यों बेचता
इक सही निर्णय से लिख तकदीर तू
हो ना जाये तुझसे अब कोई खता
Sunil_Telang/20/03/2013
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