Saturday, August 31, 2013

HASTI


हस्ती 

मिलेगी हर  ख़ुशी  तुझको नये  सपने सजाने से 
ये  दुनिया रुक ना जायेगी किसी के दूर जाने से

ये  माना ज़िन्दगी तेरी  किसी के बिन अधूरी है
मोहब्बत में तड़प अच्छी  है ये हस्ती मिटाने से 

न जाने क्या थी  मजबूरी  हुआ वो बेवफा तुझसे 
मोहब्बत इम्तेहां लेती  है  शायद हर  दीवाने  से 

अँधेरे  से  निकल कर  देख तो बाहर ज़रा आ  के 
कोई पलकों में तुझको भी  लिये  बैठा ज़माने से

बस इक तू ही नहीं,हैं और भी नाकाम दुनिया में
हज़ारों  ज़िन्दगी  बदलीं मुक़ददर जाग जाने से 

Sunil_Telang/31/08/2013











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