Saturday, August 17, 2013

JAANE KYON



जाने क्यों 

ज़ख्म मिलते रहे , चोट खाते रहे 
दर्द में फिर भी हम मुस्कुराते रहे 

वो न समझे कभी धडकनों की जुबां 

उनकी तस्वीर दिल में छुपाते रहे 

दिल्लगी से कभी,दिल लगा के कभी 

उम्र भर वो हमें आजमाते रहे 

जाने क्यों दिल कहीं अब बहलता नहीं 

कितने जलवे हसीं दिल लुभाते रहे 

दर्द समझा नहीं कोई अपने सिवा  

लोग आते रहे, लोग जाते रहे 

Sunil_Telang/17/08/2013

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