Monday, August 26, 2013

AB SO JAAIYE



(हमारे देश के सभी जवान (60 +) राष्ट्रभक्त नेताओं को सादर समर्पित)

अब   सो   जाइये

ढल   गई    है   शाम,  अब   सो   जाइये 
ले  के  रब  का  नाम , अब   सो   जाइये 

कब तलक ढंक  पाओगे ,बालों  की रंगत 
मत    बनो   गुलफाम,  अब  सो  जाइये 

हर  समय  इस  देश की  चिंता न करिये  
और   भी   हैं   काम,   अब   सो   जाइये 

मंदिर-औ-मस्जिद के  झगडे, पेट  खाली 
आयेंगे   ना    राम,    अब    सो   जाइये 

ज़ब्त रख, मत खोलना अपनी  जुबां  को  
पाओगे      आराम ,    अब   सो   जाइये 

Sunil_Telang/26/08/2013

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