(हमारे देश के सभी जवान (60 +) राष्ट्रभक्त नेताओं को सादर समर्पित)
अब सो जाइये
ढल गई है शाम, अब सो जाइये
ले के रब का नाम , अब सो जाइये
कब तलक ढंक पाओगे ,बालों की रंगत
मत बनो गुलफाम, अब सो जाइये
हर समय इस देश की चिंता न करिये
और भी हैं काम, अब सो जाइये
मंदिर-औ-मस्जिद के झगडे, पेट खाली
आयेंगे ना राम, अब सो जाइये
ज़ब्त रख, मत खोलना अपनी जुबां को
पाओगे आराम , अब सो जाइये
Sunil_Telang/26/08/2013
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