हर तरफ
हर तरफ बरबादियाँ और कुछ नहीं
जल मग्न हैं बस्तियां और कुछ नहीं
मिट गये इन्सानों के नामो निशाँ
रह गई खामोशियाँ और कुछ नहीं
Sunil_Telang
हर तरफ बरबादियाँ और कुछ नहीं
जल मग्न हैं बस्तियां और कुछ नहीं
मिट गये इन्सानों के नामो निशाँ
रह गई खामोशियाँ और कुछ नहीं
Sunil_Telang
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