Thursday, April 4, 2013

SHAUK


शौक

मुझको कोई शौक अनशन का नहीं है 
क्या ये मुद्दा आज जन जन का नहीं है 
तुम ही बतला दो नया फिर कोई रस्ता 
अब ये मौका सिर्फ चिंतन  का नहीं  है 

और क्या है पास मेरे,  बस नये  भारत का सपना 
ज़िन्दगी भय मुक्त गुज़रे,हर कोई हक पाये अपना 

दूरियां असमानता की ख़त्म हों सब हों बराबर 

लूट भ्रष्टाचार से बर्बाद ना हो अब कोई घर  
सीख ले तू भी ज़रा इस  रेत की गर्मी में तपना 
अब तपस्या, त्याग से ही लक्ष्य हम पायेंगे अपना 

Sunil_Telang/04/04/2013




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