Main koi kavi ya shaayar nahin hoon, Bus jo bhi apne aas paas dekhta hoon ya apne saath ghat raha hai, usko shabdon me dhaalne ki koshish karta hoon.
Thursday, April 18, 2013
DARKAAR
दरकार जो ज़रूरतमंद हैं , बेबस हैं , जो लाचार हैं जिनको खाने के लिये दो रोटियाँ दरकार हैं ये खता इनकी है या कोई प्रकृति का है कहर यूँ भटकते हैं सड़क पर, देखती सरकार है Sunil _Telang
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