Sunday, April 28, 2013

ITIHAAS



ITIHAAS 

Kisliye karta hai Ab shikwa gila
Jo bhi boya tha Wahi sab to mila

Khud chune humne Vidhaata bhagya ke
Ab khafa kyon Jab dukhon ka silsila

Hai pareshaan tu Magar lagta hai dar
Kho na de wo Jo tujhe ab tak mila

Tu agar chaahe naya Itihaas rach de
Chal nikal baahar Bana kar kaafila 

इतिहास 

किसलिए करता है अब शिकवा मिला 
जो भी बोया था, वही सब तो मिला 

खुद चुने हमने विधाता भाग्य के 
अब खफा क्यों, जब दुखों का सिलसिला 

है  परेशां  तू,मगर लगता है डर 
खो ना दे वो,जो अभी तक है मिला 

तू अगर चाहे नया इतिहास रच दे 
चल निकल बाहर बना कर काफिला 

Sunil_Telang












हादसे किसी की ज़िन्दगी पे हैं कहर की तरह 
और किसी के लिये होते हैं बस खबर की तरह 







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