ITIHAAS
Kisliye karta hai Ab shikwa gila
Jo bhi boya tha Wahi sab to mila
Khud chune humne Vidhaata bhagya ke
Ab khafa kyon Jab dukhon ka silsila
Hai pareshaan tu Magar lagta hai dar
Kho na de wo Jo tujhe ab tak mila
Tu agar chaahe naya Itihaas rach de
Chal nikal baahar Bana kar kaafila
किसलिए करता है अब शिकवा मिला
जो भी बोया था, वही सब तो मिला
खुद चुने हमने विधाता भाग्य के
अब खफा क्यों, जब दुखों का सिलसिला
है परेशां तू,मगर लगता है डर
खो ना दे वो,जो अभी तक है मिला
तू अगर चाहे नया इतिहास रच दे
चल निकल बाहर बना कर काफिला
Sunil_Telang
हादसे किसी की ज़िन्दगी पे हैं कहर की तरह
और किसी के लिये होते हैं बस खबर की तरह
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