Tuesday, February 5, 2013

UTTHAAN



उत्थान

जो  पतन   के  गर्त   में   ले  आये  हिन्दुस्तान   को
उन को  चुनकर  ना  मिटाओ  देश  के  सम्मान  को

कब   तलक   देखें   वही   सूरत , वही   गुस्ताखियाँ
चल   रही   सरकार   लेकर   हांथ    में    बैशाखियाँ
एकमत   होकर   बचाओ   देश   के   अभिमान  को

हाथ   में   सत्ता    रहे ,  हर   पार्टी   की    है   नज़र 
चाहते  हैं  लोग  क्या   इसकी   नहीं   कोई    फिकर
वोट  का  जरिया  महज समझा  है  हर   इंसान   को

भूल  मत  जाना, उठाया  पांच  वर्षों  तक   जो  ग़म
अपने कुछ मतलब की खातिर दिल न हो जाये नरम
फिर   नया   भारत   बने , दो   रास्ता   उत्थान   को

Sunil_Telang/05/02/2013









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