उत्थान
जो पतन के गर्त में ले आये हिन्दुस्तान को
उन को चुनकर ना मिटाओ देश के सम्मान को
कब तलक देखें वही सूरत , वही गुस्ताखियाँ
चल रही सरकार लेकर हांथ में बैशाखियाँ
एकमत होकर बचाओ देश के अभिमान को
हाथ में सत्ता रहे , हर पार्टी की है नज़र
चाहते हैं लोग क्या इसकी नहीं कोई फिकर
वोट का जरिया महज समझा है हर इंसान को
भूल मत जाना, उठाया पांच वर्षों तक जो ग़म
अपने कुछ मतलब की खातिर दिल न हो जाये नरम
फिर नया भारत बने , दो रास्ता उत्थान को
Sunil_Telang/05/02/2013
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