Monday, February 4, 2013

SABSE BADA SUKH


सबसे बड़ा सुख 

हमने  माना  ज़िन्दगी  तेरी  दुखी   है 
पर  कोई  ऐसा  बता  दे  जो  सुखी  है 

जो  मिला  है  वो  नहीं  मंज़ूर  तुझको 
तेरे  लालच   में  व्यथा  तेरी  छुपी   है 

दूसरों की शानो -शौकत  से जले क्यों 
ये समझ ले  चार  दिन  की  चांदनी  है 

क्यों  ग़ुरूर इतना, यहाँ हर शै है फानी 
प्यार और विश्वास पर दुनिया थमी है (ग़ुरूर-घमंड ,  शै-चीज़ ,फानी-नाशवान 

ग़म न करना एक दिन आयेगी मंजिल 
पर  कदम  तेरा  बढ़ाना  लाज़मी  है     (लाज़मी-ज़रूरी )

कर  भलाई  कुछ  दुआयें  तू  कमा ले 
सुख  बड़ा  सबसे, खुदा  की  बंदगी  है 

Sunil _Telang /04/02/2013

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