Tu hunar ye bhoolne ka,Mujh ko bhi thoda sikha de
Ya to le meri khabar,Ya khud mujhe apna pata de
हुनर
तू हुनर ये भूलने का, मुझको भी थोडा सिखा दे
या तो ले मेरी खबर या, खुद मुझे अपना पता दे
इस कदर ये बेरुखी, मर्जी तेरी या बेबसी थी
मुझको ठुकरा कर मिला क्या, बस मुझे इतना बता दे
दो कदम बस साथ चलकर, कर लिया तुमने किनारा
हर तरफ है बस अँधेरा, अब कोई तू रास्ता दे
था अगर मैं बोझ तुझ पर, मुझसे तुम इक बार कहते
अपनी अब मजबूरियों का, ना मुझे तू वास्ता दे
दूर मुझसे हो मगर क्यों जी रहे तन्हाइयों में
दिल धड़कता है तेरा किसके लिये मुझको दिखा दे
Sunil _Telang /27/02/2013
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