शिकायत
क्या किसी से अब शिकायत हम करें
पहले अपनी ठीक आदत हम करें
एक दिन खुद पे भी होना है असर
दूसरों पे जो शरारत हम करें
चाह है सम्मान की दुनिया में, तो
पहले लोगों से मोहब्बत हम करें
तेरा मेरा करते गुजरी ज़िन्दगी
अब खुदा की कुछ इबादत हम करें
क्या करेंगे इतनी दौलत का यहाँ
कुछ ग़रीबों पर इनायत हम करें
वक़्त मुश्किल है संभल जायें सभी
देश की मिलकर हिफाज़त हम करें
Sunil_Telang/08/02/2013
SHIKAAYAT
Kya kisi se ab Shikaayat hum karen
Pahle apni theek Aadat hum karen
Ek din khud par bhi Hona hai asar
Doosron par jo Shararat hum karen
Chaah hai samman ki Duniya me to
Pahle logon se Mohabaat hum karen
Tera mera karte Guzri zindagi
Ab khuda ki kuchh Ibaadat hum karen
Kya karenge itni Daulat ka yahaan
Kuchh garibon par Inaayat hum karen
Waqt mushkil hai Sambhal jaayen sabhi
Desh ki milkar Hifaazat hum karen
Sunil_Telang
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