Thursday, February 28, 2013

KAISA BUDGET


KAISA BUDGET

Kyon koi ummeed gairon se lagaayen 
Apne haathon par bharosa hum jataayen 

Jo hai kismat me wo mil ke hi rahega 

Kaam se kyon hum ye apna jee churaayen 

Aadaten apni riyayat ki nahin hain 

Kuchh naye income ke hum raste banayen 

Bus mile itna rahe   koi na  bhookha 

Kar ke ab  santosh jeewan ye chalaayen

Hum samajh paate nahi baaten budget ki

Kyon sada logon ki jeben kat-ti jaayen 

कैसा बजट 

क्यों कोई उम्मीद गैरों से लगायें 
अपने हाथो पर भरोसा हम जतायें 

जो है किस्मत में वो मिल के ही रहेगा
 काम से क्यों हम ये अपना जी चुरायें 

आदतें अपनी रियायत की नहीं हैं 
कुछ नए इनकम के हम रस्ते बनायें 

बस मिले इतना रहे कोई ना भूखा 
कर के अब संतोष जीवन ये चलायें 

हम समझ पाते नहीं बातें बजट की
क्यों सदा लोगों की ज़ेबें कटती जायें 

Sunil_Telang/28/02/2013




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