Friday, February 22, 2013

AVSAAD

अवसाद

हो    रहे    हैं   हादसे   पर   हादसे 
कोई तो हो जो लगाम इन पर कसे 

छोड़  रक्खे   है  यहाँ  विषधर खुले 
रह सकेंगे कब तलक ये  बिन  डसे 

जीते  जी  इस जान की कीमत नहीं 
मर के कुछ मिल जायेगा सरकार से 

देश  है अपना  बड़ा,  क्यों  ग़म करें 
और    देशों   में   भी   होते   हादसे 

कार्यवाही  फिर  से  अब  होगी कड़ी 
लो   उबर  भी   जाइये  अवसाद  से 

तंत्र  में  शायद  रही  कुछ  खामियां 
दूर  रहिये  आप   इस   उन्माद  से 

देखते  रहिये   प्रगति  विज्ञान  की 
क्या  यही   पाया   नई   ईजाद  से 

Sunil_Telang/22/02/2013



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