हस्ती
मिलेगी हर ख़ुशी तुझको नये सपने सजाने से
ये दुनिया रुक ना जायेगी किसी के दूर जाने से
ये माना ज़िन्दगी तेरी किसी के बिन अधूरी है
अँधेरे से निकल कर देख तो बाहर ज़रा आ के
ये माना ज़िन्दगी तेरी किसी के बिन अधूरी है
मोहब्बत में तड़प अच्छी है ये हस्ती मिटाने से
न जाने क्या थी मजबूरी हुआ वो बेवफा तुझसे
मोहब्बत इम्तेहां लेती है शायद हर दीवाने से
अँधेरे से निकल कर देख तो बाहर ज़रा आ के
कोई पलकों में तुझको भी लिये बैठा ज़माने से
बस इक तू ही नहीं,हैं और भी नाकाम दुनिया में
हज़ारों ज़िन्दगी बदलीं मुक़ददर जाग जाने से
Sunil_Telang/31/08/2013
बस इक तू ही नहीं,हैं और भी नाकाम दुनिया में
हज़ारों ज़िन्दगी बदलीं मुक़ददर जाग जाने से
Sunil_Telang/31/08/2013